mehul choksi arrested in belgium

Mehul Choksi Arrested: PNB घोटाले का मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी बेल्जियम में गिरफ्तार, भारत ने तेज की प्रत्यर्पण प्रक्रिया

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Written by IPO Manthan Team

April 14, 2025

Mehul Choksi Arrested in Belgium:पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के बहुचर्चित ₹13,000–14,000 करोड़ के घोटाले का मुख्य आरोपी और फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी आखिरकार बेल्जियम में गिरफ्तार हो गया है। चोकसी को 12 अप्रैल 2025 को उस वक्त हिरासत में लिया गया जब भारत की केंद्रीय जांच एजेंसियों, CBI और प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा भेजे गए प्रत्यर्पण अनुरोध और गैर-जमानती वारंटों पर बेल्जियम की पुलिस ने कार्रवाई की।

Mehul Choksi Arrested: इलाज के बहाने बेल्जियम में छिपा था चोकसी

सूत्रों के मुताबिक, चोकसी पिछले छह महीनों से बेल्जियम में रक्त कैंसर का इलाज करवा रहा था और वहीं छिपा हुआ था। इस दौरान उसने कथित तौर पर स्विट्ज़रलैंड भागने की भी कोशिश की, लेकिन भारतीय एजेंसियों की सतर्कता के चलते उसे बेल्जियम में ही गिरफ्तार कर लिया गया।

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2018 से फरार, अब फिर गिरफ्त में

चोकसी 2018 में भारत से फरार हुआ था और उसने एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी। वह लंबे समय से वहीं रह रहा था। 2021 में उसे डोमिनिका में भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वहां से वह फिर एंटीगुआ लौटने में सफल रहा। भारत के लिए यह गिरफ्तारी एक बड़ी कामयाबी मानी जा रही है, लेकिन उसे भारत वापस लाने की प्रक्रिया अब भी जटिल और लंबी है।

प्रत्यर्पण प्रक्रिया और कानूनी अड़चनें

चोकसी को वर्तमान में एक बेल्जियम के डिटेंशन सेंटर में रखा गया है। उसकी गिरफ़्तारी के बाद उसके वकील स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर जमानत याचिका दाखिल करने की तैयारी में हैं। वे यह भी तर्क देंगे कि चोकसी की पत्नी बेल्जियम की नागरिक है और वह देश छोड़कर भागने वाला नहीं है। साथ ही, उसकी एंटीगुआ की नागरिकता का मुद्दा उठाकर भारत की न्यायिक सीमा पर भी सवाल उठाए जाएंगे।

2021 में एंटीगुआ में हुए कथित अपहरण प्रयास का भी उपयोग चोकसी के वकील करेंगे, जिससे भारत की मंशा पर सवाल खड़े किए जा सकें। इसके अलावा, भारत द्वारा भेजे गए दस्तावेजों की वैधता पर भी कानूनी बहस संभव है।

भारत की तैयारी और संभावित विकल्प

CBI और ED की टीमें पहले ही बेल्जियम से समन्वय कर रही हैं। भारत अब राजनयिक स्तर पर भी दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि प्रत्यर्पण में देरी न हो। अगर कानूनी प्रक्रिया लंबी खिंचती है, तो भारत डेपोर्टेशन जैसे वैकल्पिक रास्ते भी तलाश सकता है, हालांकि एंटीगुआ की नागरिकता के चलते यह आसान नहीं होगा।

अगर बेल्जियम की अदालत भारत के पक्ष में फैसला देती है, तो चोकसी को भारत लाने का रास्ता साफ होगा। हालांकि, उसके पास यूरोपियन कोर्ट ऑफ ह्यूमन राइट्स में अपील का विकल्प रहेगा, जो प्रक्रिया को और लंबा खींच सकता है।

आगे की राह

Mehul Choksi Arrested: घोटाले के व्हिसलब्लोअर हरिप्रसाद एसवी ने चोकसी की गिरफ्तारी पर खुशी जाहिर की है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि असली लड़ाई घोटाले से जुड़े पैसों को दुनिया भर से वापस लाने की है। चोकसी के पास यूरोप के महंगे वकीलों की पूरी टीम है और वह कानूनी लड़ाई को लंबा खींचने की क्षमता रखता है।

हालांकि यह गिरफ्तारी भारत के लिए एक अहम मोड़ है, लेकिन उसके प्रत्यर्पण की राह अब भी लंबी और कानूनी पेंच से भरी हुई है। लेकिन जिस तरह से भारत सरकार इस केस को प्राथमिकता दे रही है, उम्मीद की जा सकती है कि मेहुल चोकसी जल्द ही भारतीय अदालत के कटघरे में खड़ा होगा।

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