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Reliance Industries ने नौयान शिपयार्ड में खरीदी बड़ी हिस्सेदारी, ग्रीन हाइड्रोजन और डिफेंस प्रोजेक्ट्स पर फोकस

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Written by IPO Manthan Team

April 13, 2025

Reliance Industries News in Hindi: रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने एक और रणनीतिक कदम उठाते हुए गुजरात के दहेज में स्थित नौयान शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड (NSPL) में बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली है। यह अधिग्रहण रिलायंस की ग्रीन एनर्जी और डिफेंस सेक्टर में विस्तार की योजना का हिस्सा है।

Reliance Industries News in Hindi: अधिग्रहण की प्रमुख जानकारी

रिलायंस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी Reliance Strategic Business Ventures Limited (RSBVL) ने सबसे पहले Nauyaan Tradings Private Limited (NTPL) में 100% हिस्सेदारी ₹1 लाख में खरीदी। इसके बाद NTPL ने Welspun Corp Limited से NSPL में 74% हिस्सेदारी ₹382.73 करोड़ में खरीद ली।

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इस अधिग्रहण के कुछ ही दिनों बाद, NTPL ने NSPL में अतिरिक्त 10% हिस्सेदारी ₹51.72 करोड़ में खरीदी, जिससे अब रिलायंस ग्रुप की कुल हिस्सेदारी 84% हो गई है।

अधिग्रहण का उद्देश्य

रिलायंस इस शिपयार्ड का उपयोग पारंपरिक जहाज निर्माण के लिए नहीं करेगा। इसके बजाय कंपनी इसे अपने ग्रीन हाइड्रोजन मिशन और इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स के लिए इस्तेमाल करेगी। 138 एकड़ में फैली यह सुविधा निम्नलिखित गतिविधियों के लिए काम में ली जाएगी:

  • नमक प्रबंधन और भंडारण: यह शिपयार्ड नमक की हैंडलिंग और स्टोरेज के लिए इस्तेमाल होगा, जो विभिन्न इंडस्ट्रियल प्रक्रियाओं के लिए जरूरी होता है।
  • ब्राइन (लवणीय जल) की तैयारी: क्लोरीन और कॉस्टिक सोडा जैसे रसायनों के उत्पादन के लिए आवश्यक ब्राइन तैयार करने के लिए विशेष सुविधाएं लगाई जाएंगी।
  • इंजीनियरिंग स्ट्रक्चर्स की फैब्रिकेशन: भारी संरचनाओं के निर्माण के लिए यहां इंजीनियरिंग फैब्रिकेशन का कार्य किया जाएगा, जो मरीन और नॉन-मरीन दोनों सेक्टर्स के लिए उपयोगी है।
  • हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइज़र निर्माण: ग्रीन हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए जरूरी इलेक्ट्रोलाइज़र्स का निर्माण यहीं किया जाएगा। यह रिलायंस के ग्रीन एनर्जी विज़न का एक अहम हिस्सा है।

वित्तीय विवरण

नौयान शिपयार्ड की कुल एंटरप्राइज़ वैल्यू लगभग ₹643.78 करोड़ आंकी गई है, जिसमें ₹126.57 करोड़ की देनदारियां भी शामिल हैं। वहीं कंपनी की 100% इक्विटी वैल्यू ₹517.21 करोड़ बताई गई है।

रणनीतिक दृष्टिकोण

रिलायंस का यह अधिग्रहण न सिर्फ उसके एनर्जी पोर्टफोलियो को मजबूत करेगा, बल्कि भारत को डिफेंस और हैवी फैब्रिकेशन सेक्टर में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी एक अहम कदम है। दहेज में स्थित यह शिपयार्ड, रिलायंस के मौजूदा मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के करीब होने के कारण लॉजिस्टिक और संचालन में भी बेहद मददगार साबित होगा।

निष्कर्ष

Reliance Industries News in Hindi: रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा नौयान शिपयार्ड में की गई यह रणनीतिक हिस्सेदारी खरीद न सिर्फ कंपनी की ग्रीन एनर्जी महत्वाकांक्षा को दर्शाती है, बल्कि यह भारत के औद्योगिक विकास के लिहाज से भी एक बड़ा कदम है। इससे यह भी स्पष्ट हो जाता है कि रिलायंस अब सिर्फ तेल और गैस की कंपनी नहीं रही, बल्कि यह डिफेंस, इंजीनियरिंग और ग्रीन टेक्नोलॉजी में भी एक प्रमुख खिलाड़ी बनकर उभर रही है।

इस अधिग्रहण के बाद आने वाले महीनों में रिलायंस की योजनाएं और स्पष्ट होंगी, जो भारत के औद्योगिक नक्शे को एक नई दिशा दे सकती हैं।

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